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शिव भक्ति

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 शिव स्तवन   शंकर शशांकशीश शंभु शिव शूलपाणि,                               शशिशिर शैलजेश शर्व शाम्भवी के पति ।                                 कंठ कालकूट काम कदन कपाली काली-                                 कंत करुणाकर कपर्दी है कृपालु अति ।।                                 भूतनाथ भव्य भव भस्मअंग भालज्वाल,                                   भीम भव तारक भवेश भक्त अंतगति।                                'चैलहीन चंड चिंत्य 'शुक्ल' चित्त-चिंतामणि,                               चंद्रचूड़ चारु अंघ्रि युग्म में मदीय रति ।। शिव भक्ति भगवान शिव को देवों का देव महादेव कहा गया है। मानव से लेकर दानव और देव तक सभी उनकी पूजा करते हैं। उन्हें प्रसन्न करने के जतन करते हैं। भगवान शिव के विषय में यह भी कहा जाता है कि यह औपचारिकताओं के बजाय भक्त की भावनाओं को अधिक महत्व देते हैं। थोड़े में ही बहुत प्रसन्न हो जाते हैं। इसीलिए उन्हें आशुतोष का नाम भी दिया गया है। यह उनकी महिमा ही है कि आकाश- पाताल सर्वत्र प्रजापति, गंदर्भ, किन्नर, नाग, वसु, यक्ष तथा सभी योनियों के विभिन्न ज्ञात एवं अज्ञात घटकगण भग

चेहरे की झाइयों का उपचार

    कैसे करें चेहरे की झाइयों का उपचार- आपके खूबसूरत चेहरे पर अगर झाईयां हैं, तो कहीं ना कहीं यह आपके आत्मविश्वास को भी प्रभावित करती हैं। आंखों के इर्द-गिर्द या फिर चेहरे पर झाइयां आपके सौंदर्य को प्रभावित करती हैं। ● चेहरे पर पड़ने वाली झाइयों का कारण आपके पेट में गड़बड़ी या हार्मोंस में असंतुलन हो सकता है। हालांकि झाइयों से मुक्ति पाने के लिए आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। लेकिन कभी-कभी यह झाइयां समय के साथ ठीक भी हो जाती हैं। चेहरे की झाइयां दूर करने के लिए आप घरेलू उपचार भी अपना सकती हैं। आइए जानें चेहरे की झाइयों से मुक्ति पाने के लिए क्या करें। 1) झाइयों से बचने के लिए जरूरी है कि आप तेज धूप से बचें। जब भी आप धूप में निकले तो छतरी का इस्तेमाल करें और अपनी आंखों को बचाएं। 2) धूप में घर से बाहर निकलते समय सनस्क्रीन लोशन जरूर लगाएं। 3) घरेलू उपाय अपनाते हुए आप घर में ही स्क्रब कर सकती हैं। स्क्रब के लिए जौ के आटे में दही, लेमन जूस और मिंट जूस मिलाकर चेहरे पर 2 से 3 मिनट तक मलें और लगभग 5मिनट के बाद चेहरा धो लें। 4) चेहरे की झाइयां दूर करने के लिए आप नींबू, हल्दी और बेसन का पेस्ट ब

चेहरे का सौंदर्य

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  चेहरे का सौंदर्य :- चेहरे पर दाग धब्बे ललाट , आँखों से कुछ नीचे, नाक पर छोटे छोटे, फैले हुए गहरे रंग के होते हैं। आँखों के आसपास की त्वचा बहुत कोमल होती है और इसमें चर्बी के सूक्ष्म कण होते हैं । यदि ये कण स्वस्थ रहते हैं तो काले धब्बे नहीं पड़ते। आँखों के आसपास की चर्बी कम होने से रक्त संचार सही नहीं हो पाता, इस दुर्बलता से आँखों के आसपास कालापन और धब्बे हो जाते हैं। चेहरे पर झाईयां पड़ने पर भोजन में लोह (लोहा), कैल्शियम और विटामिन्स, प्रोटीन, हरी सब्जियां फल आदि प्रचुर मात्र में लें। धूप से बचें। कारण : धूप में अधिक समय रहने से दाग धब्बे हो जाते हैं। धूप में रहने से मेलानिन अधिक मात्रा में पैदा होता है, जिससे त्वचा काली हो जाती है। मानसिक तनाव इसका सबसे बड़ा कारण है। आँखे गड्ढों में बैठती जाती हैं और त्वचा काली होती जाती है, झाईयां सर चेहरे पर आ जाती है। धूप व तनाव से बचें। विटामिन- सी अधिक लें। चाय के गरम पानी से से चेहरे के धब्बों, आँखों के पास की कालिमा को धोएं। बादाम रोगन की मालिश करें। इससे लाभ होता है। सोयाबीन 12 घंटे भिगोयें। इसे पीसकर चेहरे पर एक दिन छोड़कर एक दिन लेप करे।

कैल्शियम की कमी

  कैल्शियम की कमी को दूर कैसे करे - 1. पानी में अदरक डाल कर उबालें। इस पानी में शहद और हल्का नींबू निचोड़ें। सुबह 20 दिन तक पिएं। कैल्शियम की आपूर्ति होगी। 2. प्रति दिन 2 चम्मच तिल का सेवन करें। आप इसे लड्डू या चिक्की के रूप में भी ले सकते हैं। 3. एक चम्मच जीरे को रात भर पानी में भिगो दें। सुबह इसका सेवन करें। 15 दिन में लाभ दिखेगा। 4. 1 अंजीर व दो बादाम रात में गलाएं और सुबह इसका सेवन करें। शर्तिया फायदा होगा। 5. रागी का हफ्ते में एक बार किसी ना किसी रूप में सेवन करें। दलिया, हलवा या खीर बनाकर ले सकते हैं। किसी भी प्रकार से रागी कैल्शियम का विश्वसनीय स्त्रोत हैं। 6. नींबू पानी दिन भर में एक बार अवश्य लें। 7. अंकुरित अनाज में कैल्शियम प्रचूर मात्रा में होता है। अगर आप अंकुरित आहार नहीं ले सकते हैं तो हफ्ते में एक बार सोयाबीन ले सकते हैं।

आंखे (Eyes)

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  आंखे   (Eyes) आंखे शरीर का वह अंग जिससे हम पूरी दुनिया को देखते हैं। एक बार कल्पना करके देखिए कि यदि आंखें न हो, तो जीवन कितना अंधकारमय हो जाएगा। अत: आवश्यक है कि आंखों की देखभाल की जाए और इस काम में कोई कोताही न बरती जाए। आंखों की देखभाल के लिए आप उसी तरह नियम तय कर लें, जैसे कि दांतों को साफ करने के लिए सुबह हम ब्रश करते हैं। इन नियमों में सबसे महत्वपूर्ण है कि आंखों को अक्सर ठंडे पानी से धोते रहें। सुबह उठने के बाद तो आप आंखों और मुंह को धोते ही हैं, किंतु सोने से पहले आंखों को स्वच्छ जल से धोकर गंदगी को निकाल बाहर करें। ऐसा करने से नींद के दौरान आंखें आराम में रहेंगी। एक नियम यह भी   बनाएं कि जब भी वाहन, खासकर दोपहिया चलाएंगे, तब आंखों पर चश्मा अवश्य पहनेंगे। ऐसा करने से तेज  हवा, धूल, ककड़ या अन्य किसी चीज और आंखों के बीच में चश्मा एक सुरक्षा आवरण का काम करेगा। यदि आप इसे नहीं लगाएंगे तो कोई भी आब्जेक्ट सीधे आपकी आंख से टकराएगा। चूंकि आंख बहुत संवेदनशील अंग है, इसलिए छोटा सा तिनका भी इन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। अतः सावधानी रखें और भगवान के इन अनमोल    उपहार को सुरक्षित रखें।

मौसम परिवर्तन

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  मौसम परिवर्तन मौसम परिवर्तन के कारण फिर मौसम  बीमारियों  का खतरा बढ़ने लगा है। दिनभर तेज धूप की तपन और शाम होते ही बारिश होने के कारण बच्चे, बुजुर्ग अधिक बीमार हो रहे हैं। मौसम परिवर्तन के कारण उल्टी, दस्त, वायरल बुखार अधिक फैलते हैं। लेकिन इसके बाद भी लोग ध्यान नहीं देते हैं। जबकि इन दिनों लोगों को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। इनसे बचने के लिए अधिक मात्रा में पानी पिएं, धूप से बचाव करें, ताजे फलों का सेवन करें और पौष्टिक आहार लें। इससे इन बीमारियों से बचा जा सकता है। वहीं बाहर का खाने से बचना चाहिए, क्योंकि बाहर का खाने से बीमारियां हो सकती है। खासकर तला हुआ खाना बिल्कुल नहीं खाना चाहिए। यदि घर में कोई बीमार है तो उससे दूरी बनाना चाहिए। खांसते- छींकते समय मुंह पर रुमाल रखें ताकि इंफेक्शन दूसरों में न फैले। बाजारों में भी जा रहे हैं तो भीड वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए। समय-समय पर हाथों को धोना चाहिए। बीमार पड़ने पर कभी भी अपने मन से दवाई न लें। यदि सर्दी-खांसी भी हो तो विशेषज्ञ की सलाह से ही दवाई लें। इस मौसम में छोटे बच्चों और बुजुर्गों को अधिक सावधानियां रखनी चाहिए। घर से बाहर नि

उच्च रक्तचाप

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  उच्च रक्तचाप बीते  कुछ वर्षों में युवाओं में उच्च रक्तचाप के मामले अधिक बढ़े हैं। विशेष रूप से ऊपरी तौर पर फिट दिखने वाले व्यक्तियों में इसकी आशंका काफी अधिक बढ़ी है। जो भी इसकी चपेट में आ रहा है, वह इसके लक्षण भी समझ नहीं पाता। यह चिंता का विषय है। ऐसे में, इसके लक्षणों के बारे में जानना जरूरी है ताकि समय पर इसका पता चल सके और इलाज से एक बार फिर स्वस्थ जीवनशैली का पालन किया जा सके। सामान्यतौर पर व्यायाम की कमी, तनाव की अधिकता, संतुलित जीवनशैली की कमी या गुर्दे से संबंधित बीमारी होने के कारण शरीर में उच्च रक्तचाप पनपने लगता है। वहीं मधुमेह से ग्रसित लोगों में इसके होने की आशंका दो-तीन गुना बढ़ जाती है। कम उम्र में इसका शिकार होने के मुख्य कारण तनाव, अनिद्रा, अत्यधिक सोचना और धूमपान हो सकते हैं। उच्च रक्तचाप के कोई विशिष्ट लक्षण नहीं होते हैं लेकिन चिड़चिड़ापन, थकान, कमजोरी, सिरदर्द, आंखों के चारों तरफ जकड़न आदि सामान्य लक्षण हैं। अलग से कोई विशेष लक्षण न दिखने पर मरीज कई जटिलताओं के साथ आता है, इसलिए कई बार इस बीमारी को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। शरीर के हर एक भाग पर उच्च रक्तचाप का