उच्च रक्तचाप
उच्च रक्तचाप
बीते कुछ वर्षों में युवाओं में उच्च रक्तचाप के मामले अधिक बढ़े हैं। विशेष रूप से ऊपरी तौर पर फिट दिखने वाले व्यक्तियों में इसकी आशंका काफी अधिक बढ़ी है। जो भी इसकी चपेट में आ रहा है, वह इसके लक्षण भी समझ नहीं पाता। यह चिंता का विषय है। ऐसे में, इसके लक्षणों के बारे में जानना जरूरी है ताकि समय पर इसका पता चल सके और इलाज से एक बार फिर स्वस्थ जीवनशैली का पालन किया जा सके। सामान्यतौर पर व्यायाम की कमी, तनाव की अधिकता, संतुलित जीवनशैली की कमी या गुर्दे से संबंधित बीमारी होने के कारण शरीर में उच्च रक्तचाप पनपने लगता है। वहीं मधुमेह से ग्रसित लोगों में इसके होने की आशंका दो-तीन गुना बढ़ जाती है। कम उम्र में इसका शिकार होने के मुख्य कारण तनाव, अनिद्रा, अत्यधिक सोचना और धूमपान हो सकते हैं। उच्च रक्तचाप के कोई विशिष्ट लक्षण नहीं होते हैं लेकिन चिड़चिड़ापन, थकान, कमजोरी, सिरदर्द, आंखों के चारों तरफ जकड़न आदि सामान्य लक्षण हैं। अलग से कोई विशेष लक्षण न दिखने पर मरीज कई जटिलताओं के साथ आता है, इसलिए कई बार इस बीमारी को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। शरीर के हर एक भाग पर उच्च रक्तचाप का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। मुख्य रूप से हार्ट अटैक, ब्रेन हेमरेज (लकवा), किडनी फेल हो जाना, हार्ट फेल्युअर आदि को इसके दुष्परिणामों के रूप में देखा जाता है।
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