थायराइड रोग

 थायराइड रोग



बदलती जीवनशैली, अव्यवस्थित  खानपान, शारीरिक श्रम का अभाव जैसे विभिन्न कारणों से कई बीमारियां होने लगी हैं। कोई न कोई रोग हमारे जीवन को प्रभावित कर ही देता है और हम परेशान होते. रहते हैं। कुछ रोग ऐसे होते हैं जो हमारे शरीर की ग्रंथियों से जुड़े होते हैं। इन्हीं में से एक है थायराइड । थायरायड ग्रंथि गर्दन में श्वास नली के ऊपर एवं स्वर यंत्र के दोनों भागों में होती है। यह थायराक्सिन नामक हार्मोन बनाती है। जब हार्मोन का स्तर कम ज्यादा हो जाता है तो थायराइड हो जाता है। अब कम उम्र में ही थायराइड लोगों को चपेट में लेने लगा है। इसके लक्षण अत्यंत सामान्य होने के कारण लोग इसे पहचान नहीं पाते और नजरअंदाज करते रहते हैं। यदि बच्चों को थायराइड हो जाता है तो उनकी हाइट कम रह जाती है। यदि घबराहट, चिड़चिड़ापन, जोड़ों में दर्द, बालों का झड़ना, वजन कम होना, पेट साफ ना होना आदि कोई भी लक्षण पाए जाते हैं तो हमें विशेषज्ञ की सलाह से इलाज करवाना चाहिए। हाइपो थायराडिज्म पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को ज्यादा होता है। थायराइड अव्यवस्थित जीवनशैली, आयोडीन की कमी, वंशानुगत आदि के कारण होता है। यदि परिवार में किसी सदस्य को थायराइड है तो बच्चों पर ध्यान देना चाहिए। जितनी जल्दी रोग का पता चल जाता है, उतनी ही जल्दी उसका इलाज शुरू हो जाता है। कई बार लोग इसे गंभीरता से न लेते हुए इलाज नहीं करवाते हैं। जिसके कारण यह रोग गंभीर रूप ले लेता है।


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